Vinayaka Chaturthi Vrat 2024 के तिथि सूची | जाने विनायक चतुर्थी व्रत कथा, मुहूर्त, महत्व, मंत्र और पूजा विधि ।

2024 विनायक चतुर्थी | Vinayaka Chaturthi Vrat 2024

हिन्दु कैलेण्डर में प्रत्येक महीने चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती है । हिन्दु धर्मग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी की तिथि भगवान गणेश की तिथि है । अमावस्या के ठीक बाद पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) कहते हैं और पूर्णिमा के ठीक बाद पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं ।

वैसे तो विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने ही होता है लेकिन इसमे से सबसे मुख्य विनायक चतुर्थी का व्रत भाद्रपद के महीने में होता है । भाद्रपद के मास में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है । सम्पूर्ण विश्व में गणेश चतुर्थी भगवान गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है ।

विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है । जो भी भक्त विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं उसे भगवान गणेश ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं । ज्ञान और धैर्य ये दोनों ही ऐसे नैतिक गुण है जिसका महत्व सदियों से मनुष्य को पता है । जिस भी मनुष्य के पास ये गुण हैं वह जीवन में काफी उन्नति करता है और मनवान्छित फल प्राप्त करता है ।

विनायक चतुर्थी के व्रत में कथा सुनने और पढ़ने का विशेष महत्व है । एसी मान्यता है कि इस व्रत का कथा सुनने व पढ़ने मात्र से मनुष्य के जीवन से सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं और भगवान श्री गणेश जी का असीम कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है ।

हिन्दु गंथो के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा दोपहर के मध्याह्न काल के दौरान होता है । दोपहर के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने का मुहूर्त विनायक चतुर्थी के दिनों के साथ नीचे दर्शाया गया है ।

विनायक चतुर्थी का व्रत करने के दिन सूर्योदय और सूर्यास्त पर ही निर्भर करता है और जिस दिन मध्याह्न काल के दौरान चतुर्थी तिथि प्रबल होती है उस दिन विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है । इसीलिए कभी कभी विनायक चतुर्थी का व्रत, चतुर्थी तिथि से एक दिन पूर्व ही तृतीया तिथि के दिन पड़ जाता है ।

विनायक चतुर्थी व्रत पूजा विधि : Vinayaka Chaturthi Vrat Puja Vidhi

  • विनायक चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि कर लें ।
  • स्नान करने के बाद घर के मंदिर में भागवान श्री गणेश की प्रतिमा के सामने धूप – दीप प्रज्वलित कर लें ।
  • फिर भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं । 
  • स्नान के बाद भगवान श्री गणेश जी को साफ वस्त्र पहनाएं ।
  • इसके बाद भगवान गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाएं ।
  • भगवान गणेश को दूर्वा अत्यंत प्रिय है । ऐसे में इस दिन गणेश जी को दूर्वा अर्पित करना करे ।
  • गणेश जी के भोग मे लड्डू, मोदक चढ़ाए ।
  • पूजा करते समय मंत्र का जाप करें । ऊँ गं गणपतये नमः ।
  • फिर विनायक चतुर्थी की कथा अवश्य पढ़ें। पूजा के अन्त में आरती जरूर से करें ।

विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व : Vinayaka Chaturthi Vrat Mahatv

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी व्रत का एक विशेष महत्व होता है । इस दिन विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं । साथ ही कार्यों में किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं आती है । विनायक चतुर्थी व्रत करने से गणपति बप्पा की कृपा हमेशा बनी रहती है । बप्पा को बुद्धि का देवता भी कहते हैं तो जो भी पुरे मान से गणपति बप्पा की पूजा करते हैं । उन्हे विद्या, बुद्धि, धन, यश और सुख समृद्धि की प्रप्ती होती है ।

श्री गणेश जी का महामंत्र : Ganesh Mantra

प्रातर्नमामि चतुराननवन्धमा नमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम् ।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं  पुत्रं विलासचतुरं शिवयोः शिवाया ॥
प्रातर्भजाम्यभचदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम् ।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य ॥


2024 विनायक चतुर्थी उपवास के दिन
[2080 – 2081] विक्रम सम्वत

विनायक चतुर्थीजनवरी 14, 2024,
रविवार10:51 AM से 12:59 PM
पौष, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 07:59 AM, जनवरी 14
समाप्त – 04:59 AM, जनवरी 15
गणेश जयन्ती, विनायक चतुर्थीफरवरी 13, 2024,
मंगलवार10:53 AM से 01:08 PM
माघ, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 05:44 PM, फरवरी 12
समाप्त – 02:41 PM, फरवरी 13
विनायक चतुर्थीमार्च 13, 2024,
बुधवार10:44 AM से 01:08 PM
फाल्गुन, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 04:03 AM, मार्च 13
समाप्त – 01:25 AM, मार्च 14
विनायक चतुर्थीअप्रैल 12, 2024,
शुक्रवार10:31 AM से 01:04 PM
चैत्र, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 03:03 PM, अप्रैल 11
समाप्त – 01:11 PM, अप्रैल 12
विनायक चतुर्थीमई 11, 2024,
शनिवार10:23 AM से 01:03 PM
वैशाख, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 02:50 AM, मई 11
समाप्त – 02:03 AM, मई 12
विनायक चतुर्थीजून 10, 2024,
सोमवार10:24 AM से 01:09 PM
ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 03:44 PM, जून 09
समाप्त – 04:14 PM, जून 10
विनायक चतुर्थीजुलाई 9, 2024,
मंगलवार10:30 AM से 01:14 PM
आषाढ़, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 06:08 AM, जुलाई 09
समाप्त – 07:51 AM, जुलाई 10
विनायक चतुर्थीअगस्त 8, 2024,
बृहस्पतिवार10:33 AM से 01:11 PM
श्रावण, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 10:05 PM, अगस्त 07
समाप्त – 12:36 AM, अगस्त 09
गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थीसितम्बर 7, 2024,
शनिवार10:29 AM से 12:59 PM
भाद्रपद, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 03:01 PM, सितम्बर 06
समाप्त – 05:37 PM, सितम्बर 07
विनायक चतुर्थीअक्टूबर 6, 2024,
रविवार10:24 AM से 12:45 PM
आश्विन, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 07:49 AM, अक्टूबर 06
समाप्त – 09:47 AM, अक्टूबर 07
विनायक चतुर्थीनवम्बर 5, 2024,
मंगलवार10:23 AM से 12:36 PM
कार्तिक, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 11:24 PM, नवम्बर 04
समाप्त – 12:16 AM, नवम्बर 06
विनायक चतुर्थीदिसम्बर 5, 2024,
बृहस्पतिवार10:34 AM से 12:41 PM
मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 01:10 PM, दिसम्बर 04
समाप्त – 12:49 PM, दिसम्बर 05

विनायक चतुर्थी की कथा ।: Vinayaka Chaturthi Vrat Katha

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार मां पार्वती और भगवान शिव नर्मदा नदी के तट पर चौपड़ खेल रहे थे । खेल में हार जीत का फैसला करने वाला कोई न था तो भगवान शिव ने एक पुतला बना दिया और उसकी प्राण प्रतिष्ठा कर दी । भगवान शिव ने उस पुतला रूपी बालक से कहा कि जीतने पर जो भी विजेता हो उसके नाम का घोषणा वो करे ।

फिर भगवान शिव और मां पार्वती ने खेलना शुरू किया और तीन बार ये खेल खेला गया । तीनो बार मां पार्वती ही जीत । खेल समाप्त हुआ । अब फौसले कि बारी थी तो उस बालक र् से माँ पार्वती ने बड़े उत्साह से पूछा कि विजय कौन है तो उस बालक ने भगवान शिव जी को विजयी घोषित कर दिया । यह सुनकर मां पार्वती क्रोधित हो उठी और उसी छन्न उस बालक को अपाहिज रहने का शाप दे दिया ।

माता पार्वती ने बताया उपाय ।

इसके बाद मां पार्वती से बालक ने क्षमा मांगी और कहा कि ऐसा मुझसे भूलवश हो गया है । जिसके बाद मां पार्वती शांत हुई और उन्होंने कहा कि शाप तो वापस नहीं लिया जा सकता हैं । लेकिन इसका एक उपाय है । मां पार्वती ने बालक को उपाय बताते हुए कहा कि भगवान श्री गणेश की पूजा करने के लिए नाग कन्याएं आषाढ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आएंगी और तुमको उनके कहे अनुसार व्रत करना होगा, जिससे तुम शाप से मुक्ति हो पाओगे ।

बालक कई सालों तक इस शाप से जूझता रहा और नाग कन्याओं की प्रतिक्षा करता रहा । एक दिन नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा के लिए आई । जिनसे बालक ने गणेश व्रत की विधि पूछी । बालक ने सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान श्री गणेश ने वरदान मांगने को कहा ।

बालक को मिली शाप से मुक्ति ।

बालक ने भगवान श्री गणेश से प्रार्थना करते हुए कहा कि, हे विनायक, मुझे इतने शक्ति दें कि मैं अपने पैरों से चलकर कैलाश पर्वत पर जा सकू । भगवान श्री गणेश ने बालक को आशीर्वाद दे दिया और अंतर्ध्यान हो गए । इसके बाद बालक ने कैलाश पर्वत पर भगवान शिव को शाप मुक्त होने की कथा सुनाई । चौपड़ वाले दिन से माँ पार्वती भगवान शिव से रुष्ट हो गई थी ।

बालक के बताए अनुसार, भगवान शिव ने भी 21 दिनों का भगवान श्री गणेश का व्रत किया । व्रत के प्रभाव से मां पार्वती के मन से भगवान शिव के प्रति नाराजगी खत्म हो गई । मान्यता है कि भगवान श्री गणेश की जो भी सच्चे मन से पूजा अर्चना और आराधना करता है । उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं । साथ ही कथा सुनने व पढ़ने मात्र से जीवन में आने वाले सभी विघ्न – बाधा दूर हो जाता हैं ।


परानाम

धन्यवाद !


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