Sukh karta dukh harta Ganesh Aarti lyrics in Hindi
भगवान गणेश को भारतीय संस्कृति में सबसे प्रिय और श्रद्धालुओं के बीच एक विशेष स्थान प्राप्त है। विनायक देवता को सुखकर्ता और दुःखहर्ता कहकर जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है कि वह हमें सुख देते हैं और हमारे दुःखों को हरते हैं । गणेश आरती “सुखकर्ता दुःखहर्ता” का अर्थ यहाँ तक है कि जब हम भगवान गणेश की आराधना करते हैं, तो हमें सद्गति, सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है और वह हमारे सभी दुखों को दूर करते हैं ।
गणेश आरती में व्यक्त यह भावना दिखती है कि हम भगवान गणेश की आराधना से न केवल अपने जीवन को सफल बना सकते हैं, बल्कि उनकी कृपा से सभी दुखों को पार कर सकते हैं । विनायक देवता को प्रार्थना करने से मन की शुद्धि होती है और उनकी कृपा से जीवन में नई ऊर्जा आती है । गणेश आरती के माध्यम से हम अपने अंतरात्मा के साथ एक मिलनसर बनते हैं और उनकी आशीर्वाद से जीवन की समस्याओं का समाधान पाते हैं ।
यह आरती गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी, गणेश जयंती आदि विशेष अवसरों पर विशेष रूप से चांदी के थाली पर उपहार के रूप में बजाई जाती है । यह आरती न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और मानसिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है । इसके माध्यम से हम समाज में भाईचारे, शांति और सद्गति की भावना को बढ़ावा देते हैं ।
इस प्रकार, “सुखकर्ता दुःखहर्ता गणेश आरती” हमारे जीवन में आने वाली चुनौतियों का समाधान प्रदान करने के साथ-साथ हमारे आत्मा को भी शांति और सुख की प्राप्ति करने में सहायक होती है । यह आरती हमें गणेश देव के प्रति भक्ति और श्रद्धा की महत्वपूर्णता को सिखाती है और हमें सही मार्ग पर चलने का प्रेरणा प्रदान करती है ।
॥ सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची गणेश आरती ॥
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ।
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ॥
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ।
कंठी झलके माल मुकताफळांची ॥
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव ॥
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ॥
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ॥
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव ॥
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना ।
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ॥
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना ॥
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव ॥
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को ।
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को ॥
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को ।
महिमा कहुॅ न जाय लागत हूँ पद को ॥
जय जय जय जय जय ।
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ॥
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ।
॥ जय देव जय देव ॥
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी ।
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी ॥
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी ।
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी ॥
जय जय जय जय जय ।
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ॥
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ।
॥ जय देव जय देव ॥
भावभगत से कोई शरणागत आवे ।
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे ॥
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे ।
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ॥
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ॥
॥ जय देव जय देव ॥
Sukh karta dukh harta Ganesh Aarti lyrics in English
sukh karata dukhaharta, vaarta vighnaachee ।
noorvee poorvee prem kripa jayaachee ॥
sarvaangee sundar utee shendu raachee ।
kanthee jhalake maal mukataaphalaanchee ॥
jay dev jay dev, jay mangal moorti ।
darshanamaatre manahkamaana poorti ॥
॥ jay dev jay deva ॥
ratnakhachit phara tujh gaureekumaraa ।
chandanaachee utee kumakum kesharaa ॥
heere jadit mukut shobhato baraa ।
runjhunatee noopure charanee ghaagariyaa॥
jay dev jay dev, jay mangal moorti ।
darshanamaatre manahkamaana poorti ॥
॥ jay dev jay deva ॥
lambodar peetaambar phanivar vandanaa ।
saral sond vakratunda trinayanaa ॥
daas raamaacha vaat paahe sadanaa ।
sankatee paavaave nirvaanee rakshaave suravar vandanaa ॥
jay dev jay dev, jay mangal moorti ।
darshanamaatre manahkamaana poorti ॥
॥ jay dev jay deva ॥
shendur laal chadhaayo achchha gajamukh ko ।
dondil laal biraaje soot gaurihar ko ॥
haath lie gud laddoo saaee suravar ko ।
mahima kahe n jaaye laagat hoon paada ko ॥
jay jay jay jay jaya ।
jay jay jee ganaraaj vidyaasukhadaataa ॥
dhany tumhaaro darshan mera mat ramataa ।
॥ jay dev jay deva ॥
asht sidhi daasee sankat ko bairee ।
vighan vinaashan mangal moorat adhikaaree ॥
koti sooraj prakaash aise chhabee teree ।
gandasthal madmastak jhool shashi baharee ॥
jay jay jay jay jaya ।
jay jay jee ganaraaj vidyaasukhadaataa ॥
dhany tumhaaro darshan mera mat ramataa ।
॥ jay dev jay deva ॥
bhaavabhagat se koee sharanaagat aave ।
santati sanpatti sabahee bharapoor paave ॥
aise tum mahaaraaj moko ati bhaave ।
gosaaveenandan nishidin gun gaave ॥
jay jay jee ganaraaj vidyaasukhadaataa ।
dhany tumhaaro darshan mera mat ramataa ॥
॥ jay dev jay deva ॥

धन्यवाद !
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