Madhushravani puja vrat katha in Maithili:- मधुश्रावणी पूजा एग्यारहम दिन क कथा:
Madhushravani puja vrat:- संध्या क विवाह आ लीली क जन्म
हिमालय क पाँचम बेटी संध्या जे गौरी क विवाह क समय महादेव सं हिल-मिल गेल छेलि I महादेव हुनका बङ मानैत छलखिन I जखन ओ विवाह लायक भेलि त महादेव गौरी सं चोरा क हुनका सं विवाह लेल गेला आ जखन इ बात गौरी क पता लागल त ओ शोकातुर भय गेलि I ओ बैस क कानय लागलि ,कनैत -कनैत हुनका देह सं घाम चल लागल I घाम चुला सं देह सं मैल छूट लागलैन I

सब मैल क जमा क ओ एकटा साँप क आकार बना बाट पर राखि देलखिन I जखन महादेव विवाह क घुरलाह देखैत छैथ जे गौरी दहो -बहों कानि रहल छैथ आ बाट पर मैल क साँप राखल अछि I महादेव ओहि साँप में प्राण दए देलैथ आ गौरी क कहलखिन – अहाँ कनैत कियाक छि ? इ साँप अहाँ क बेटी थिक आ एकरहि संग खेलेवा लेल हम संध्या क अनलियनि हं I तखन गौरी हँसलि आ ओहि साँप क नाम लीली रखलखिन I
लीली क विवाह
नाहर नामक एक टा राजा छलैथ । हुनका अपना रानी ताँती सं एक सौ बेटा रहनि ,जाहि में बैरसी जेठ आ हुनका सं छोट चनाइ छेलखिन । बैरसी जखन पैघ भेला त नौकरी लेल महादेव लग गेलैथ आ महादेव क अपना बेटी लीली लेल सेहो नौकर क खगता छेलनि तें ओ ओकरा लीली क चाकरी लेल राखि लेलैथ I एक दिन महादेव बैरसी क कहलखिन – लीली क धर्मकुंड में स्नान कर देबनि आ सोहाग कुंड में अगूंठा दूबा देबनि I
बैरसी धोखा में उल्टा बुझि गेलखिन I ओ लीली क धर्मकुंड में अगूंठा डूबबा देलखिन आ सोहाग कुंड में नहा देलखिन I तें लीली क सोहाग त पैघ भेलनि मुदा धर्म लेश मात्र भेलनि I विवाह योग्य भेला पर जखन महादेव लीली लेल वर ताक लगला त लीली कहलखिन जे – हमरा लेल वर नहि ताकू ,हम बैरसी सं विवाह करब I तखन लीली क विवाह बैरसी सं भेलनि I
बाचो बीनी
“पुरैनिक पत्ता ,झिलमिल लत्ता ताहि चढ़ी बैसली बिसहरी माता I
हाथ सुपारी खोईंछा पान ,बिसहरी माता करती शुभ कल्याण “II

धन्यवाद !
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