Kojagiri Purnima 2023 | कब हैं कोजागरा पूजा जाने इस लोक पर्व की तिथि, महत्व, कथा और व्रत विधि ।

Kojagiri Purnima 2023 or Kojagara Puja बिहार राज्य के मिथिलांचल का लोक त्यौहार है । यह त्यौहार बिहार, वेस्ट बंगाल, उड़ीसा तथा आसाम में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है । यह पर्व आश्विन मास के पूर्णिमा को मां लक्ष्मी की पूजा कि जाती है । Kojagiri Purnima (कोजागरा पूजा) को हिंदू धर्म में शुभ दिन माना गया है । Kojagiri Purnima मिथिला के नवविवाहित दूल्हों के घर बड़े ही उत्साह का माहौल लेकर आता है । इन दिनों दूल्हा के ससुराल पक्ष और रिश्तेदारों और मेहमानों की तांता लगी रहती है । Kojagara Puja के अवसर पर मिथिला समाज में लोगों को पान, मखान, बताशा बांटने की परंपरा है।

कोजागरा पूजा के समय | Important Timings On Kojagara Puja 2023

मिथिला पंचांग के अनुसार इस बार कोजागरा का पर्व शनिवार, 28 अक्टूबर को है ।
Kojagiri Purnima 2023 is on October 28, Saturday
Kojagiri Purnima 2023 tithi timing – October 28, 4:17 am to October 29, 1:54 am

Festival/VratKojagiri Purnima 2023
It Also known asKojagari Puja, ‘बंगाल लक्ष्मी पूजा’, ‘कोजागिरी पूर्णिमा’
कब है कोजागरा
Kab hai Kojagara Puja 2023
28 अक्टूबर शनिवार, 2023
October 28, 2023 
कोजागिरी पूर्णिमा 2023 डेट
Kojagiri Purnima 2023 date
28 अक्टूबर शनिवार, 2023
October 28, 2023 
निशा काल पूजा टाइम
Nishita Kaal Puja Time
October 28, 11:45 PM
October 29, 12:36 AM
Kojagara तिथी
Kojagiri Purnima Tithi Begins
28 अक्टूबर शनिवार, 2023 प्रातः 4:17 पर
October 28, 2023 4:17 AM
Kojagara तिथी समाप्त
Kojagiri Purnima Tithi Ends
29 अक्टूबर रविवार, 2023 प्रातः 1:54 पर
October 29, 2023 1:54 AM

कोजागरा के इस पर्व को ‘बंगाल लक्ष्मी पूजा’ एवं ‘कोजागिरी पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता है । देश की बहुत सी हिस्सों में इस पर्व को शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है । कोजागरा पूजा या कोजागिरी पूजा नवविवाहित जोड़ी को माता का आशीर्वाद मिल सके इसके लिए मिथिला समाज में यह पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है । 

इस दिन दही, धान, पान, सुपारी, मखाना, चांदी के बने कछुआ, मछली एवं कौड़ी के साथ वर की पूजा की जाती है । इसके बाद रात्रि को चांदी की कौड़ी से वर और कन्या पक्ष में एक खेल खेला जाता है और जो पक्ष इस खेल में जीत जाता है । उसके लिए ऐसा माना जाता है कि यह वर्ष बहुत ही शुभ होगा । 

इसके बाद सगे संबंधियों और पर्ची तो पाटीदारों के बीच पान मखान लड्डू बतासे आदि बांटे जाते हैं उसके बाद पाग और  दोपटी पहनाया जाता है । मिथिला समाज में पाग और दोपटी सम्मान के रूप में पहनाई जाती है । इसी के बाद बड़े बुजुर्ग दूल्हे को दही लगाते है और उसे लंबी उम्र एवं सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देते हैं । फिर मकान पैसे बतासे कॉल उठाते हैं और सभी इस पर्व का लुफ्त उठाते हैं । 

कोजागरा व्रत को एक और नाम से जाना जाता है जिसे कौमुदी व्रत कहते हैं । मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण जी ने महारास रचाया था । एक और मान्यता यह है कि कोजागरा रात्रि को चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है इसलिए इस दिन उत्तर भारत में खीर बना कर रात भर चांदनी में रखने की रीती है।

प्रदोष काल में होती है लक्ष्मी पूजा

कोजागरा का पर्व आश्विन मास की पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा को मनाया जाता है । इस दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है । गांव की बहुत सी औरतें इसमें शामिल होती हैं और मां लक्ष्मी शरद पूर्णिमा कोजागरा की मैथिली गीत गाती है । साथ ही नवविवाहित दूल्हे का औरते चुमावन करती हैं और नवविवाहिता जोड़े की समृद्ध और सुखद जीवन के लिए प्रार्थना करती है ।

इसके बाद लोगों के बीच पान, मक्खन, बतासे आदि बांटी जाती है । कोजागरा की रात जागरण का विशेष महत्व होता है । माना जाता है कि कोजागरा की रात लक्ष्मी के साथ ही आसमान से अमृत बारिश होती है । पूरे वर्ष में शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सबसे अधिक शीतल और प्रकाशमान प्रतीत होता है । इन सब के बीच यह पर्व समाजिक समरसता का भी प्रतीक माना जाता है ।

Kojagara Vart Vidhi (कोजागरा व्रत विधि)

  • कोजागरा व्रत के दिन स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर मां लक्ष्मी की पूजा करें । इस दिन उपवास रखा जाता हैं इसीलिए भोजन में नमक ग्रहण ना करें । 
  • इसके बाद तांबे या फिर मिट्टी का कलश लेकर उस पर वस्त्र से ढकी हुई स्वर्णमयी लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करे ।
  • इसके पश्चात शाम को जब चंद्र उदय हो जाएं तो उस समय मिट्टी के 100 दीपक जलाएं ।
  • फिर घी से बनी हुई खीर बहुत सारे पात्रों में डालकर चंद्रमा की चांदनी में रख दें । 6 घंटे के बाद लक्ष्मी जी को सारी खीर अर्पण की जाती है । इसके पश्चात भक्ति पूर्वक सात्विक ब्राह्मणों को इस प्रसाद रूपी खीर का भोजन करवाएं और उसके साथ ही मांगलिक गीत गाया जाता है । और पूरी रात्रि जागरण किया जाता है ।
  • इसके बाद अरुणोदय काल में स्नान कर लक्ष्मी जी की स्वर्णमयी प्रतिमा आचार्य को अर्पित दें । एसी मान्यता है कि मध्य रात्रि को देवी लक्ष्मी धरती पर आती है और जो मनुष्य पूजा अर्चना और जागरण कर रहे होते है उनको धन की लाभ पहुंचाती हैं ।

Kojagara Vart Katha (कोजागरा व्रत कथा)

कोजागरा व्रत कथा के अनुसार, एक साहूकार की दो पुत्रि थी । दोनों पुत्रियों ने पूर्णिमा की रात का एक व्रत रखती थी । दोनों बहनों में से बड़ी बहन व्रत को हमेशा ही पूरा करती थी जबकि छोटी लड़की हर बार व्रत को अधूरा ही छोड़ देती थी । फिर दोनों बहनों की सादी हो गई लेकिन जब छोटी पुत्री की संतान पैदा होती, तो वह पैदा होते ही मर जाती थी । उसने कई पंडितों से इसका कारण पूछा तो पंडितों ने ये बताया कि इसकी वजह पूर्णिमा का व्रत अधूरा छोड़ना है । 

पंडितों ने कहा कि इसी कारणवश तुम्हारी संतानें पैदा होते ही मर रही है । इसलिए उसे यह हिदायत दी गई कि वह पूरी विधि अनुसार व्रत पूरा करे ताकि उसकी संतान जीवित रह पाएं । सलाह को पूरा करने के लिए उस लड़की ने पूरी विधि अनुसार व्रत पूरा किया, जिसके फलस्वरूप उसके घर एक लड़के का जन्म हुआ । परंतु लड़के की भी कुछ ही दिनों के बाद मृत्यु हो गई । उस लड़की ने अपने पुत्र को एक पीढ़ा पर लेटा दिया और उसके ऊपर एक कपड़ा रख कर उसे ढंक दिया । जब बड़ी बहन उस पीढ़े पर बैठने लगी, तो उसका लहंगा बच्चे को छू गया जिसकी वजह से बच्चा रोने लगा । 

तब बड़ी बहन ने उससे कहा कि तुम मुझपर ये कलंक लगाना चाहती थी कि मेरे बैठने से यह मर गया । यह बात सुनने के बाद छोटी बहन बोली कि यह तो बहुत पहले ही मर चुका था परंतु तेरे भाग्य से यह जीवित हो गया है अर्थात यह तेरे पुण्य कर्मों की वजह से ही जीवित हुआ है । इसके पश्चात पूरे नगर में इस व्रत को एक उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा तथा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाने लगी ।

ऐसा माना जाता है कि कोजागरा पूजा के समय जो भी भक्त पूजा करते हैं, उन्हें देवी लक्ष्मी का असीम आशीर्वाद प्राप्त होता है ।

कोजागिरी पूर्णिमा 2020 से 2030 तक का डेट (Kojagiri Purnima festival dates between 2020 to 2030)

YearDate
2020Friday, 30th of October
2021Tuesday, 19th of October
2022Sunday, 9th of October
2023Saturday, 28th of October
2024Wednesday, 16th of October
2025Monday, 6th of October
2026Sunday, 25th of October
2027Thursday, 14th of October
2028Monday, 2nd of October
2029Sunday, 21st of October
2030Thursday, 10th of October

FAQ

कोजागरा पूजा में धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है ।

कोजागरा पूजा आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है ।


परानाम

धन्यवाद


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