Hey Ram Ayodhya Chhor Kar Van Mat Jao | राम वनवास भजन लिरिक्स
Hey Ram Ayodhya Chhor Kar Van Mat Jao
सूरज जैसे ज्योति बिन, तरुवर ज्यूँ फल हीन ।
राम बिना दसरथ विकल,जैसे जल बिन मीन ॥
मत जाओ, मत जाओ, मत जाओ ।
हे राम अयोध्या छोड़ के, वन मत जाओ ॥
रुक जाओ, रुक जाओ, रुक जाओ ।
हे नाथ हमारी, विनती मत ठुकराओ ॥
चलत राम लखी अवध अनाथा ।
विकल लोक सब लागे साथा ॥
कृपा सिन्धु बहु बिधि समुझाबहि ।
विनय प्रेम बस पुनि फिर आपही ॥
वन को जाने वालो पर मत, मोह जाल फैलाओ ।
मत जाओ, मत जाओ, मत जाओ ।
हे राम अयोध्या छोड़ के,वन मत जाओ ॥
राम बिना मेरी सुनी अयोध्या, लक्ष्मण बिन ठकुराई ।
सीता बिन गयी मँहलों की सोभा,कौन करे चतुराई ॥
नगर भवन गलियाँ सब रोयें,रोबे सब नर नारी ।
वचन विवस रोक ही नही पाती, मै ही एक बेचारी ॥
तुम ही जीवन,प्राण हमारे ।
राम तुम्ही भगवान हमारे ॥
दया सिन्धु अब बीत चलो पर ।
कुछ तो दया दिखाओ ॥
रुक जाओ,रुक जाओ ,रुक जाओ ।
हे राम अवध को छोड़ के, वन मत जाओ ॥

धन्यवाद !
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