Chandra Dev Kavach | चन्द्र देव कवच

Chandra Dev Kavach के पाठ से आपके आस पास की नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदलने लगती है । इसके अलावा Chandra Dev Kavach के पाठ से चंद्रमा की विशेष कृपा जीवन में बनती है । जो कि आंखों की रोशनी को बढ़ाता है मन को शांत रखता है और त्वचा संबंधी भी समस्त रोग चंद्रदेव कवच के पाठ से दूर हो जाते हैं ।

चंद्र देवता नवग्रहों में से एक हैं और चंद्र देव कवच का पाठ बड़ा ही शुभ फलदाई माना जाता है ।

॥ चन्द्र देव कवच ॥

श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः।

चंद्रो देवता । चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।

समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् ।

वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ १ ॥

एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् ।

शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥ २ ॥

चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ।

प्राणं क्षपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः ॥ ३ ॥

पातु कण्ठं च मे सोमः स्कंधौ जैवा तृकस्तथा ।

करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः ॥ ४ ॥

 हृदयं पातु मे चंद्रो नाभिं शंकरभूषणः ।

मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः ॥ ५ ॥

ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा ।

अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा ॥ ६ ॥

सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चन्द्रोSखिलं वपुः ।

एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ॥

यः पठेच्छरुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ७ ॥

॥ इति श्रीब्रह्मयामले चंद्रकवचं संपूर्णम् ॥

चंद्र देव की पूजा कैसे करें?

  • चंद्र देव की पूजा पूर्णिमा के दिन करना चाहिए ।
  • हर साल 12 पूर्णिमा आता है जिनमें से प्रत्येक पूर्णिमा का अपना अलग ही महत्व होता है पूर्णिमा के रात में चंद्रदेव के उदय होने के बाद चंद्र देव को जल और दूध का अर्ध्य देना चाहिए ।
  • पूर्णिमा के दिन चंद्र देव का पूजा करते वक्त ॐ सोम सोमाय नमः इस मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए इससे अपार सफलता की प्राप्ति होती है ।
  • चंद्र देव की पूजा के बाद चंद्रदेव कवच का पाठ करना चाहिए ।
  • कवच पाठ के अंत में आरती करना चाहिए एवं क्षमा याचना करनी चाहिए ।

Chandra Dev Kavach FAQ

चंद्र देव की पूजा पूर्णिमा के दिन करनी चाहिए ।

चंद्रमा का नाम मंत्र है- ॐ सों सोमाय नमः ।


परानाम

धन्यवाद !


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