Surya Kavach | सूर्य कवच | Surya Kavach PDF

Surya Kavach का पाठ अत्यंत ही प्रभावशाली और तत्काल लाभकारी माना जाता है । सभी ग्रहों में सूर्य को सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है । सूर्य को व्यवसाय और नौकरी का कारक माना जाता है अतः किसी के व्यवसाय और नौकरियों परेशानी हो तो उन्हें Surya Kavach का निश्चित रूप से नियमित पाठ करना चाहिए ।

Surya Kavach में सूर्य के अनंत किरणों की तरह ही अनंत शक्तियां सन्निहित है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समस्त ग्रह में सूर्य को राजा का स्थान प्राप्त है यदि कुंडली में सूर्य अच्छा स्थान पर हो तो जीवन में तेजस्विता और आत्मशक्ति को बढ़ाते हैं और अगर सूर्य कमजोर हुआ तो जीवन में तमाम प्रकार की बाधाएं और समस्याएं आ जाती है Surya Kavach के प्रति दिन 3 बार पाठ करने से सूर्य देव की कृपा बनी रहती है ।

Surya Kavach ॥

॥ श्रीसूर्यध्यानम् ॥

रक्तांबुजासनमशेषगुणैकसिन्धुं
भानुं समस्तजगतामधिपं भजामि ।
पद्मद्वयाभयवरान् दधतं कराब्जैः
माणिक्यमौलिमरुणाङ्गरुचिं त्रिनेत्रम् ॥

॥ श्री सूर्यप्रणामः ॥

जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम् ।
ध्वान्तारिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम् ॥

॥ याज्ञवल्क्य उवाच ॥

श्रुणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम् ।
शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्व सौभाग्यदायकम् ॥ १ ॥

दैदिप्यमानं मुकुटं स्फ़ुरन्मकरकुण्डलम् ।
ध्यात्वा सहस्रकिरणं स्तोत्रमेतदुदीरयेत् ॥ २ ॥

शिरो मे भास्करः पातु ललाटे मेSमितद्दुतिः ।
नेत्रे दिनमणिः पातु श्रवणे वासरेश्वरः ॥ ३ ॥

घ्राणं धर्म धृणिः पातु वदनं वेदवाहनः ।
जिह्वां मे मानदः पातु कंठं मे सुरवंदितः ॥ ४ ॥

स्कंधौ प्रभाकरं पातु वक्षः पातु जनप्रियः ।
पातु पादौ द्वादशात्मा सर्वागं सकलेश्वरः ॥ ५ ॥

सूर्यरक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्जपत्रके ।
दधाति यः करे तस्य वशगाः सर्वसिद्धयः ॥ ६ ॥

सुस्नातो यो जपेत्सम्यक् योSधीते स्वस्थ मानसः ।
स रोगमुक्तो दीर्घायुः सुखं पुष्टिं च विंदति ॥ ७ ॥

॥ इति श्री माद्याज्ञवल्क्यमुनिविरचितं सूर्यकवचस्तोत्रं संपूर्णं ॥


Surya Kavach in Hindi

याज्ञवल्क्य जी बोले- हे मुनि श्रेष्ठ!

आप सभी ध्यानपूर्वक सूर्य के शुभ कवच को सुनो, सूर्य कवच जो शरीर को आरोग्य देने वाला है तथा संपूर्ण दिव्य सौभाग्य को देने वाला है । इसलिए इस सूर्य कवच स्त्रोत से समस्त तरह के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं । (1)

जो तेज से भरा हुआ हैं । जिसमे चमकते हुए मुकुट वाले डोलते हुए मकराकृत कुंडल वाले हजार किरण (सूर्य) को ध्यान करके यह स्तोत्र का प्रारंभ करें । (2)

आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरे सिर की रक्षा भास्कर आप करें, आप अपरिमित कांति वाले ललाट की रक्षा करें । नेत्र (आंखों) की रक्षा दिनमणि करें तथा कान की रक्षा दिन के ईश्वर करें । (3)

आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरी नाक की रक्षा धर्मघृणि, मुख की रक्षा देववंदित, जिव्हा की रक्षा मानद् तथा कंठ की रक्षा देव वंदित करें । (4)

आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरे कंधे की रक्षा करें, उरूस्थत का बचाव सबसे प्रेम रखने वाले भास्करदेवजी कीजिए, मेरे पादों का बचाव सूर्यदेवजी कीजिए और मेरे समस्त शरीर के समस्त अंगों की रक्षा करें । (5)

जो कोई भी सूर्य रक्षात्मक कवच स्तोत्र को भोजपत्र में लिखकर जो हाथ में धारण करता है । तो संपूर्ण सिद्धियां उसके वश में होती हैं और इन सिद्धियों को अपने अनुसार कार्य करवा सकता है । (6)

जो भी व्यक्ति प्रातः काल में उठ कर स्नान करके स्वच्छ चित्त से कवच पाठ करता है । वह रोग से मुक्त हो जाता है, दीर्घायु होता है, उसकी प्रसिद्ध चारो तरफ फैल जाती हैं, सुख तथा यश प्राप्त होता है । (7)


सूर्य कवच पाठ के फायदे (Surya Kavach Path Benefits)

  • सूर्य कवच के पाठ से मनुष्य को हर प्रकार की व्याधि और रोग से मुक्ति मिलती है ।
  • इस कवच के पाठ से रोजगार और नौकरी प्राप्त करने में मदद मिलती है ।
  • सूर्य कवच का पाठ मान और सम्मान में बढ़ोतरी करता है ।
  • इस कवच के पाठ से हर प्रकार से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है ।
  • जो मनुष्य प्रतिदिन स्नान करके सूर्य का ध्यान करते हुए इस कवच का पाठ करते हैं उसके समस्त कार्य सिद्ध होने लगते हैं और उसे हर जगह विजय प्राप्त होते हैं ।

। नियमित रूप से करें अत्यत प्रभावशाली सूर्य कवच का पाठ जिससे बनी रहेगी भगवान सूर्यदेव की कृपा ।


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Surya Kavach FAQ:-

सूर्य कवच के पाठ करने से यह में सभी प्रकार के संकट और आपदा से बचाता है ।

भगवान सूर्य को अर्घ्य अत्यंत प्रिय है प्रतिदिन सुबह स्नान करके एक तांबे के लोटे में थोड़ा सा जल और गंगाजल डालकर उसमें रोली लाल चंदन अक्षत लाल फूल इत्यादि डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य समर्पित करें इससे भगवान सूर्य की विशेष कृपा बनी रहती है ।


परानाम

धन्यवाद !


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