Vinayaka Chaturthi Vrat 2023 के तिथि सूची | जाने विनायक चतुर्थी व्रत कथा, मुहूर्त, महत्व, मंत्र और पूजा विधि ।

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को Vinayaka Chaturthi Vrat मनाया जाता है । पंचांग के अनुसार, हर माह दो चतुर्थी का व्रत किया जाता है । एक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को और दूसरा कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को । कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और वही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को Vinayaka Chaturthi के नाम से जाना जाता है ।

दोनों ही चतुर्थी में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है । विनायक चतुर्थी व्रत में कथा सुनने और पढ़ने का विशेष महत्व है । एसी मान्यता है कि इस व्रत का कथा सुनने व पढ़ने मात्र से मनुष्य के जीवन से सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं और भगवान श्री गणेश जी का असीम कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है । 

विनायक चतुर्थी व्रत 2023 डेट : Vinayaka Chaturthi Vrat 2023 Date

  • चतुर्थी व्रत तिथि प्रारंभ : 18 सितंबर, 2023 को दोपहर 12:39 ।
  • चतुर्थी व्रत तिथि समाप्त : 19 सितंबर, 2023 को दोपहर 01:43 ।

विनायक चतुर्थी व्रत पूजा मुहूर्त : Vinayaka Chaturthi Vrat Puja Muhurt

विनायक चतुर्थी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह के 10:59 से लेकर दोपहर 01:47 तक हैं । इस दौरान लाभ उन्नति मुहूर्त दोपहर 12:23 से दोपहर 02:08 तक हैं । इस मुहूर्त मे पूजा करना उत्तम माना जाता है ।

विनायक चतुर्थी व्रत पूजा विधि : Vinayaka Chaturthi Vrat Puja Vidhi

  • विनायक चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि कर लें ।
  • स्नान करने के बाद घर के मंदिर में भागवान श्री गणेश की प्रतिमा के सामने धूप – दीप प्रज्वलित कर लें ।
  • फिर भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं । 
  • स्नान के बाद भगवान श्री गणेश जी को साफ वस्त्र पहनाएं ।
  • इसके बाद भगवान गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाएं ।
  • भगवान गणेश को दूर्वा अत्यंत प्रिय है । ऐसे में इस दिन गणेश जी को दूर्वा अर्पित करना करे ।
  • गणेश जी के भोग मे लड्डू, मोदक चढ़ाए ।
  • पूजा करते समय मंत्र का जाप करें । ‘ऊँ गं गणपतये नमः ।
  • फिर विनायक चतुर्थी की कथा अवश्य पढ़ें। पूजा के अन्त में आरती जरूर से करें ।

विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व : Vinayaka Chaturthi Vrat Mahatv

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी व्रत का एक विशेष महत्व होता है । इस दिन विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं । साथ ही कार्यों में किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं आती है । विनायक चतुर्थी व्रत करने से गणपति बप्पा की कृपा हमेशा बनी रहती है । बप्पा को बुद्धि का देवता भी कहते हैं तो जो भी पुरे मान से गणपति बप्पा की पूजा करते हैं । उन्हे विद्या, बुद्धि, धन, यश और सुख समृद्धि की प्रप्ती होती है ।

श्री गणेश जी का महामंत्र (Ganesh Mantra)

प्रातर्नमामि चतुराननवन्धमा नमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम् ।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं  पुत्रं विलासचतुरं शिवयोः शिवाया ॥
प्रातर्भजाम्यभचदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम् ।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य ॥


गणेश चतुर्थी व्रत /विनायक चतुर्थी व्रत 2023 के तिथि इस प्रकार से है ।

जनवरी में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी (अंगर्की चतुर्थी)
10 जनवरी, 2023 को दोपहर 12:09 ।
11 जनवरी, 2023 को दोपहर 02:31 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
24 जनवरी, 2023 को दोपहर 03:22 ।
25 जनवरी, 2023 को दोपहर 12:34 ।

फरवरी में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
09 फरवरी, 2023 को सुबह 06:23 ।
10 फरवरी, 2023 को सुबह 07:58 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
23 फरवरी, 2023 को दोपहर 03:24 ।
24 फरवरी, 2023 को दोपहर 01:34 ।

मार्च में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
10 मार्च, 2023 को सुबह 09:42 ।
11 मार्च, 2023 को सुबह 10:06 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
24 मार्च, 2023 को शाम 05:00 ।
25 मार्च, 2023 को शाम 04:23 ।

अप्रैल में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
09 अप्रैल, 2023 को सुबह 09:35 ।
10 अप्रैल, 2023 को सुबह 08:37 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
23 अप्रैल, 2023 को सुबह 07:47 ।
24 अप्रैल, 2023 को सुबह 08:25 ।

मई में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
08 मई, 2023 को शाम 06:19 ।
09 मई, 2023 को सुबह 04:08 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
22 मई, 2023 को सुबह 11:19 ।
24 मई, 2023 को दोपहर 12:58 ।

जून में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
07 जून, 2023 को दोपहर 12:50 ।
07 जून, 2023 को रात 09:51 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
21 जून, 2023 को दोपहर 3:10 बजे ।
22 जून, 2023 को शाम 05:28 ।

जुलाई में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
06 जुलाई, 2023 को सुबह 06:30 ।
07 जुलाई, 2023 को सुबह 03:13 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
21 जुलाई, 2023 को सुबह 06:58 ।
22 जुलाई, 2023 को सुबह 09:26 ।

अगस्त में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
04 अगस्त, 2023 को दोपहर 12:45 ।
05 अगस्त, 2023 सुबह 09:40 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी (नाग चतुर्थी)
19 अगस्त, 2023 को सुबह 10:20 ।
21 अगस्त, 2023 को दोपहर 12:22 ।

सितंबर में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी (शंती हारा चतुर्थी, हेराम्बा शंकिन चतुर्थी)
02 सितंबर, को सुबह 08:49 बजे ।
03 सितंबर, को शाम 06:24 बजे ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी (गणेश चतुर्थी, समवात्सरी चतुर्थी पक्ष)
18 सितंबर, 2023 को दोपहर 12:39 ।
19 सितंबर, 2023 को दोपहर 01:43 ।

अक्टूबर में चतुर्थी की तिथि 

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
02 अक्टूबर, 2023 को सुबह 07:36 ।
03 अक्टूबर, 2023 को सुबह 06:12 ।

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
18 अक्टूबर, 2023 को दोपहर 01:26 ।
19 अक्टूबर, 2023 को दोपहर 01:12 ।

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
31 अक्टूबर, 2023 को सुबह 09:30 ।
01 नवंबर, 2023 को सुबह 09:19 ।

नवंबर में चतुर्थी की तिथि 

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
16 नवंबर, 2023 को दोपहर 12:35 ।
17 नवंबर, 2023 को दोपहर 11:03 ।

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
30 नवंबर, 2023 को दोपहर 2:25 ।
01 दिसंबर, 2023 को दोपहर 3:31 ।

दिसंबर में चतुर्थी की तिथि 

शुक्ला पक्ष चतुर्थी
15 दिसंबर, 2023 को सुबह 10:30 ।
16 दिसंबर, 2023 को रात 08:00 ।

कृष्णा पक्ष चतुर्थी
30 दिसंबर, 2023 को सुबह 09:44 ।
31 दिसंबर, 2023 को सुबह 11:56 ।


विनायक चतुर्थी की कथा ।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार मां पार्वती और भगवान शिव नर्मदा नदी के तट पर चौपड़ खेल रहे थे । खेल में हार जीत का फैसला करने वाला कोई न था तो भगवान शिव ने एक पुतला बना दिया और उसकी प्राण प्रतिष्ठा कर दी । भगवान शिव ने उस पुतला रूपी बालक से कहा कि जीतने पर जो भी विजेता हो उसके नाम का घोषणा वो करे ।

फिर भगवान शिव और मां पार्वती ने खेलना शुरू किया और तीन बार ये खेल खेला गया । तीनो बार मां पार्वती ही जीत । खेल समाप्त हुआ । अब फौसले कि बारी थी तो उस बालक र् से माँ पार्वती ने बड़े उत्साह से पूछा कि विजय कौन है तो उस बालक ने भगवान शिव जी को विजयी घोषित कर दिया । यह सुनकर मां पार्वती क्रोधित हो उठी और उसी छन्न उस बालक को अपाहिज रहने का शाप दे दिया ।

इसके बाद मां पार्वती से बालक ने क्षमा मांगी और कहा कि ऐसा मुझसे भूलवश हो गया है । जिसके बाद मां पार्वती शांत हुई और उन्होंने कहा कि शाप तो वापस नहीं लिया जा सकता हैं । लेकिन इसका एक उपाय है । मां पार्वती ने बालक को उपाय बताते हुए कहा कि भगवान श्री गणेश की पूजा करने के लिए नाग कन्याएं आषाढ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आएंगी और तुमको उनके कहे अनुसार व्रत करना होगा, जिससे तुम शाप से मुक्ति हो पाओगे ।

बालक कई सालों तक इस शाप से जूझता रहा और नाग कन्याओं की प्रतिक्षा करता रहा । एक दिन नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा के लिए आई । जिनसे बालक ने गणेश व्रत की विधि पूछी । बालक ने सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान श्री गणेश ने वरदान मांगने को कहा ।

बालक ने भगवान श्री गणेश से प्रार्थना करते हुए कहा कि, हे विनायक, मुझे इतने शक्ति दें कि मैं अपने पैरों से चलकर कैलाश पर्वत पर जा सकू । भगवान श्री गणेश ने बालक को आशीर्वाद दे दिया और अंतर्ध्यान हो गए । इसके बाद बालक ने कैलाश पर्वत पर भगवान शिव को शाप मुक्त होने की कथा सुनाई । चौपड़ वाले दिन से माँ पार्वती भगवान शिव से रुष्ट हो गई थी ।

बालक के बताए अनुसार, भगवान शिव ने भी 21 दिनों का भगवान श्री गणेश का व्रत किया । व्रत के प्रभाव से मां पार्वती के मन से भगवान शिव के प्रति नाराजगी खत्म हो गई । मान्यता है कि भगवान श्री गणेश की जो भी सच्चे मन से पूजा अर्चना और आराधना करता है । उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं । साथ ही कथा सुनने व पढ़ने मात्र से जीवन में आने वाले सभी विघ्न – बाधा दूर हो जाता हैं ।


परानाम

धन्यवाद !


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