जय है गौरी नंदन-गणेश आरती | Jai He Gauri Nandan-Ganesh Aarti Lyrics

जय है गौरी नंदन – गणेश आरती हिन्दी में 

“जय है गौरी नंदन” ये आरती भगवान श्री गणेश जी कि है । सभी देवो में इनकी आराधना सर्वप्रथम की जाती है । हिंदू धर्मावलंबियों के अनुसार कोई भी शुभ कार्य से पहले श्री गणेश जी की आरती एवं पूजन करते हैं । कोई भी सिद्धि कार्य करने से पहले गजानन को याद कर उस कार्य का आरंभ करते हैं । तो आज हम सब मिलकर गणेश जी की इस आरती का गुणगान करते हैं ।

जय हो जय जय है गौरी नंदन ।
देवा गणेशा गजानन ॥
चरणों को तेरे हम पखारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

शुभ कार्यो में सबसे पहले ।
तेरा पूजन करते ॥
विघ्न हटाते काज बनाते ।
सभी अमंगल हरते ॥
ओ देवा सिद्धि और सिद्धि बाटे ।
चुनते राहो के काटे ॥
खुशियों के रंग को बिखारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

जय हो जय जय है गौरी नंदन ।
देवा गणेशा गजानन ॥
चरणों को तेरे हम पखारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

ओमकार है रूप तिहारा ।
अलौकिक है माया ॥
लम्ब कर्ण तेरे उज्जवल नैना ।
धुम्रवर्ण है काया ॥
ओम्हर है रूप तिहारा ।
अलौकिक है माया ॥
ओ देवा शम्भू के लाल दुलारे ।
संतो के नैनन तारे ॥
मस्तक पे चन्द्रमा को वारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

जय हो जय जय है गौरी नंदन ।
देवा गणेशा गजानन ॥
चरणों को तेरे हम पखारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

गणपति बाप्पा घर में आना ।
सुख वैभव कर जाना ॥
एक दन्त लम्बोदर स्वामी ।
सारे कष्ट मिटाना ॥
गणपति बाप्पा घर में आना ।
सुख वैभव बरसाना ॥
देवा लडूअन का भोग लगाते ।
मूषक वहानपे आते ॥
भक्तो की बिगड़ी संवारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

जय हो जय जय है गौरी नंदन ।
देवा गणेशा गजानन ॥
चरणों को तेरे हम पखारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

धन कुबेर चरणों के चाकर ।
लक्ष्मी संग विराजे ॥
दसो दिशा नवखण्ड में देवा ।
डंका तेरा बाजे ॥
देवा तुझमे ध्यान लगाये ।
मन चाहा फल वो पाए ॥
नैया भवंर से उबारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

जय हो जय जय है गौरी नंदन ।
देवा गणेशा गजानन ॥
चरणों को तेरे हम पखारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

बांझो की गोदे भर देना ।
निर्धन को धन देना ॥
दिनों को सन्मान दिलाना ।
निर्बल को बाल देना ॥
ओ देवा सुनलो अरदास हमारी ।
विनती करते नर नारी ॥
सेवा में तन मन वारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते 

जय हो जय जय है गौरी नंदन ।
देवा गणेशा गजानन ॥
चरणों को तेरे हम पखारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥

जय हो जय जय है गौरी नंदन ।
देवा गणेशा गजानन ॥
चरणों को तेरे हम पखारते ।
हो देवा आरती तेरी हम उतारते ॥


धन्यवाद !

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