बृहस्पति देव जी की आरती
बृहस्पति देव की आरती:- हिंदू धर्म में सप्ताह के हर एक दिन किसी ना किसी देवी देवता को समर्पित किया जाता है । इसी प्रकार गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित किया जाता है । गुरुवार के दिन भगवान श्री विष्णु जी के साथ साथ श्री बृहस्पति देव की पूरी विधि विधान से पूजा याचना की जाती है । धर्मशास्त्र के अनुसार बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु भी कहा गया है । यदि किसी व्यक्ति का बृहस्पति उच्च कोटि का होता है तो उसे कभी भी धन यश विद्या या संतान की कोई भी कमी नहीं होती सदैव ही श्री बृहस्पति भगवान का आशीर्वाद बना रहता है । यही वजह है कि इस दिन को गुरुवार या बृहस्पतिवार के नाम से भी जाना जाता है । गुरुवार के दिन भगवान श्री बृहस्पति देव की पूजा कर कथा सुनना चाहिए और अंत में आरती कर सभी में प्रसाद वितरण करना चाहिए । कहा जाता है कि जो भी पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ इस दिन पूजा याचना करता है उसकी सभी मनोकामना श्री बृहस्पति देव पूरा करते हैं । श्री बृहस्पति भगवान की कथा और आरती करने से भगवान बृहस्पति खुश होकर अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं । बृहस्पति वार का व्रत करने से संतान, धन, विद्या, यश की प्राप्ति होती है, और भगवान बृहस्पति का सदैव ही आशीर्वाद बना रहता है ।
Brihaspati Dev ji ki Aarti Lyrics in Hindi
ॐ जय बृहस्पति देवा । ॐ जय बृहस्पति देवा ॥ छिन -छिन भोग लगाऊं । कदली फल मेवा ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा । जय बृहस्पति देवा ॥
तुम पूर्ण परमात्मा । तुम अंतर्यामी ॥ जगत पिता जगदीश्वर । तुम सबके स्वामी ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा । जय बृहस्पति देवा ॥
चरणामृत निज निर्मल । सब पातक हर्ता ॥ सकल मनोरथ दायक । कृपा करो भर्ता ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा । जय बृहस्पति देवा ॥
तन, मन, धन अर्पण कर । जो जन शरण पड़े ॥ प्रभु प्रकट तब होकर । आकर द्वार खड़े ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा । जय बृहस्पति देवा ॥
दीनदयाल दयानिधि । भक्तन हितकारी ॥ पाप दोष सब हर्ता । भव बंधन हारी ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा । जय बृहस्पति देवा ॥
सकल मनोरथ दायक । सब संशय तारो ॥ विषय विकार मिटाओ । संतन सुखकारी ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा । जय बृहस्पति देवा ॥
जो कोई आरती तेरी । प्रेम सहित गावे ॥ जेठानंद आनंदकर । सो निश्चय पावे ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा । जय बृहस्पति देवा ॥
Brihaspati Dev ji ki Aarti Lyrics in English
om jay brhaspati deva । om jay brhaspati deva ॥ chhin- chhin bhog lagaoon । kadalee phal meva ॥
om jay brhaspati deva । jay brhaspati deva ॥
tum poorn paramaatma । tum antaryaamee ॥ jagatapita jagadeeshvar । tum sabake svaamee ॥
om jay brhaspati deva । jay brhaspati deva ॥
charanaamrt nij nirmal । sab paatak harta ॥ sakal manorath daayak । krpa karo bharta ॥
om jay brhaspati deva । jay brhaspati deva ॥
tan, man, dhan arpan kar । jo jan sharan pade ॥ prabhu prakat tab hokar । aakar dvaar khade ॥
om jay brhaspati deva । jay brhaspati deva ॥
deenadayaal dayaanidhi । bhaktan hitakaaree ॥ paap dosh sab harta । bhav bandhan haaree ॥
om jay brhaspati deva । jay brhaspati deva ॥
sakal manorath daayak । sab sanshay taaro ॥ vishay vikaar mitao । santan sukhakaaree ॥
om jay brhaspati deva । jay brhaspati deva ॥
jo koee aaratee teree । prem sahit gaave ॥ jethaanand aanandakar । so nishchay paave ॥
om jay brhaspati deva । jay brhaspati deva ॥
धन्यवाद !
इन्हें भी पढ़े !
Follow Me On:-
इन्हें भी पढ़े !